A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्
मारणं मोहनं वश्यं स्तंभनोच्चाटनादिकम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
इदंतु कुंजिकास्तोत्रं मंत्रजागर्तिहेतवे।
अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं more info मे शुभं कुरु ।।
मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि